गुरु शरण में रेणा रे मन तु, गुरु शरण में रेणा।
अरे उतरो गा पार पूरा गुरु मिल गया-2
अरे पीठ जगत से देणा रे मन तु
गुरू शरण में रेणा…
पांच तत्व से बनी थारी काया वही निगेह कर लेना ।
पांच से कोई छटो बतावे उनेे गुरु कर लेना रे मन तु
गुरु शरण में रेणा
घणा गुरु विश्वास बंधावे उनकी मत सुन लेना ।
अरे वो ठगियो मे ठगिया रे रहता, पार भ्रह्म में रेणा रे मन तु
गुरु शरण में रेणा
तन मन धन अर्पण सतगुरु को गुरु वचन सुन लेणा ।
अरे जो कभी गुरु थारो मस्तक मांगे, शीश काट धर देना रे मन तु
गुरु शरण रेणा …
मोती चुगना रैणा समंद में लहर दरियाव की लेणा ।
कहे कबीर सुनो भई साधो जीवन मुक्त कर लेना रे मन तू
गुरु शरण रेणा …
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