घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग ।
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग ।
पहले सोयो माता के गर्भ में उंधा मुख तु झूला..
अरे काॅल किया था भजन करूंगा,
वचन दिया था तुझे भजूंगा बाहर आकर भूला
जनम तेरा हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग ।।
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
दूजा सोया माता के गोद में दूध पिया मुस्काया
अरे बहन भुआ थारा लाड़ लड़ावे झूला दिया बंधाय
बधावो थारो हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
तीजा सोया तीरीया की सेज पे बाहों में बय्या डाली
अरे मोह मद मे फसी गयो रे मोह-माया में उलझ गयो रे
भूल गयो सब तोल ब्याव तेरो हो गयो रे
अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
चिता को सोणो बाकी रईग्यो सब जग लियो है तू सोई
अरे कहे कबीर थारी जाजण की तू जाग्यो नहीं गवार
मरण तेरो हो गयो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग…
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Acha he 🤗