दरशन दे हो वो कबीर के अब गुरू दर्शन दे हो कबीर
अब म्हारों निर्मल कर दो शरीर, अब गुरू दर्शन दे हो कबीर..
हां जद देंखु हो जद पेरियों पीताम्बर हां
अब वहां के ओढन अमर चीर अब गुरू दर्शन दे हो कबीर
दरशन दे हो वो कबीर के अब गुरू दर्शन दे हो कबीर..
हाथ सुमरना गल फूलन की माला हां
अब वहां के कानों में झलकत हीर
अब गुरू दर्शन दे हो कबीर
दरशन दे हो वो कबीर के अब गुरू दर्शन दे हो कबीर..
हां खीर खांड का अमृत भोजन हां
अब वहां के शब्द सुनन की या खीर
अब गुरू दर्शन दे हो कबीर
दरशन दे हो वो कबीर के अब गुरू दर्शन दे हो कबीर..
हां धर्मदास की अरज गुसाई हां
अब म्हारों हंसो लगाओ पहलो तीर
अब गुरू दर्शन दे हो कबीर
दरशन दे हो वो कबीर के अब गुरू दर्शन दे हो कबीर
अब म्हारों निर्मल कर दो शरीर, अब गुरू दर्शन दे हो कबीर
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