ae ri sakhi me to prem diwani
सखी मैं प्रेम दीवानी
हे री सखी मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोई
हां धूली उपर सेज हमारी,किस विध मिलना होय
हे री सखी मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोई
हां गगन मण्डल पर सेज पीया की किस विध मिलना होय
सखी री किस विध मिलना होय
हे री सखी मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोई
हां घायल की गत घायल जाने, जो कोई घायल होय
हे री सखी मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोई
जौहरि की गति जौहरी जाणै जो कोई जौहरी होय
हे री सखी मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोई
दरद की मारी में बन बन डोलूं भेद मिल्या नही कोई
हे री सखी मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोई
मीरा की प्रभु पीड़ मिटेगी जद मिलत सांवरिया होय
हे री सखी मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोई
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ae ri sakhi me to prem diwani Lyrics
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