Aisa Aisa Lagan Lagaya
ऐसा ऐसा लगन लगाया है
हां ऐसा ऐसा लगन लगाया गुरूजी ने
ऐसा ऐसा लगन लगाया है
जनम जनम से कुंवारी या सुरता अबके ब्याव रचाया है
हरि नाम की हल्दी लगाई चित का चिगसा मिलाया है
हां दया धरम की मेहंदी लगाई लाल लाल रंग आया है
ऐसा ऐसा लगन लगाया गुरूजी ने
ऐसा ऐसा लगन लगाया है
जनम जनम से कुंवारी या सुरता अबके ब्याव रचाया है
आला लीला बांस कटाया मोत्या मंडल छाया है
हां पांच पच्चीस मिल बैठी सहेलियां मिलकर मंगल गाया है
ऐसा ऐसा लगन लगाया गुरूजी ने
ऐसा ऐसा लगन लगाया है
जनम जनम से कुंवारी या सुरता अबके ब्याव रचाया है
धूम धड़ाका से चली बाराता बाजा बैंड बजाया है
हां आगे आगे ढोल बजत हैं बारातियों को नचाया है
ऐसा ऐसा लगन लगाया गुरूजी ने
ऐसा ऐसा लगन लगाया है
जनम जनम से कुंवारी या सुरता अबके ब्याव रचाया है
अरे सूरत मूरत दोई फेरा रे फिरीया कन्यादान कराया है
कहे कबीर सुनो भाई साधु बना परण घर आया है
ऐसा ऐसा लगन लगाया गुरूजी ने
ऐसा ऐसा लगन लगाया है
जनम जनम से कुंवारी या सुरता अबके ब्याव रचाया है
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Aisa Aisa Lagan Lagaya Guruji Se Bhajan
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