Ramdevji Bhajan Lyrics
किनका कारण छोडी रे द्वारिका
किनका कारण छोडी रे द्वारिका किनका कारण बसाया रुणीजा रे है जी
हां सत्य रा कारण छोडी रे द्वारिका वचना रा कारण बसाया रूणीजा रे है जी
हां माता मेणा दे ये जुमलो जगायो बड़ा-बड़ा साहब वां रुणिजे बुलाया रे है जी
साधु भी निवत्या धणी संत भी निवत्या एक नि निवत्यो करमचंद्यो खाति रे है जी
हां तेली भी निवत्या तंबोली भी निवत्या एक नि निवत्यो करमचंद्यो खाति रे है जी
हां वणा रे हत्यारा ए चुगली रे खादी हिंदू रा देव बड़ा सत्यवादी रे है जी
गढ़ हो दिल्ली से वां बादशाह रे चढ़ियो गढ़ हो रुणीजा में घेरो ने डाल्यों रे है जी
हां अठे बड़ीयो बादशाह ने परछो रे मांगे कपड़ा घोडीला कने घास चरावे रे है जी
हां माता मेणा रा पैरा बेठाया पिता अजमल जी ने बेड़ी रलाई रे है जी
मंदिर तोडाया धणी वां मस्जिद बंधाई हरी हरी झंडी वां रुणिजे रोपाई रे है जी
हां तीन सौ ने साठ धणी वां गव्वा कटाई रक्ता रा प्याला वा गादी पे फेराया रे है जी
हां अठे पड़ियो बादशाह ने पडछो रे मांगे कपड़ा रा घोड़ीला कने घास चरावे रे है जी
पेरा जो मई से माता करुणा या करी है रामदेव बिरमदेव कंई हैमाला में गलग्या रे है जी
हां कांकड़ आया धणी वां भाला रे भडक्या, गोया में हैवर खुंदाया अन आता रे है जी
हां माता मेणा देरा पेहरा हटाया पिता अजमल जी री बेड़ी कटाई रे है जी
मस्जिद तोड़ाईं धणी वां मंदिर बणाया भगवा सा झंडा वां रुणिजे रोपाया रे है जी
हां तीन सो ने साठ धणी वां गव्वा जिवाई दुध रा प्याला वां गादी पे फेराया रे है जी
हां निचे रे बादशो ने उपर ढोलीयो जणी उपर हैवर खुंदाया अनदाता रे है जी
पर्दा जो मई से राणी हुरमा रै बोली एतरो गुनो रे बिरा म्हारी कांछली में बकसो रे है जी
हां हां भुल्या रे चुक्या हम आया रे रूणीजे अबे आंवां तो गोरा पिरारी दुहाई रे है जी
हां हां दोई कर जोड़े भाटी हरीनंद बोल्या
शरणे आया री लाजा राखजो हमारी रे है जी
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