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Ghano Rijhao wo Ladli ne घणो रिझायो वो लाड़ली ने

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Ghano Rijhao wo Ladli ne

घणो रिझायो वो बावरी ने, घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो लाड़ली ने, घणो रिझायो जी

म्हारी सुरत सुहागण नवल बणी, साहब वर पायो री

 

भट्कत- भट्कत सब जग भट्क्या, आज यो अवसर आयो वो हेली

अबके अवसर चूक जाओगा, फिर नहीं ठिकाणा पायो

बनड़ा ने घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो बावरी ने, घणो रिझायो जी…

 

राम नाम का लगन लिखाया, सदगुरु ब्याव रचाया वो हेली

सांई शब्द ले सामे मिल गया, तोरण बिंद जड़ायो वो हेली

बनड़ा ने घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो बावरी ने, घणो रिझायो जी…

 

प्रेम की पीठ सुरत की हल्दी, नाम को तेल चड़ायो वो हेली

पांच सखी मिल मंगल गावे, यो मोतिया मण्डप छायो

बनड़ा ने घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो बावरी ने, घणो रिझायो जी…

 

सत्यनाम की चंवरी रचाई, पटलो प्रेम सवायो वो हेली

अविनाशी का जोड़या हथेला, ब्रह्मा लगन लगायो

बनड़ा ने घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो बावरी ने, घणो रिझायो जी…

 

रंगमहल में सेज पिया की, ओड़े सुरत सवायो वो हेली

अब म्हारी प्रीत पिया संग लागी, सब संतन मिल पायो

बनड़ा ने घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो बावरी ने, घणो रिझायो जी…

 

चैरासी का फेरा फरकर, बिंद परण घर आयो वो हेली

कहे कबीर सुनो भाई साधो, यो हंस बधावो गायो वो हेली

बनड़ा ने घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो बावरी ने, घणो रिझायो जी

घणो रिझायो वो लाड़ली ने, घणो रिझायो जी

म्हारी सुरत सुहागण नवल बणी, साहब वर पायो  जी

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Ghano Rijhao wo Ladli ne Lyrics

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