jhadu Mharo fir rayo
झाड़ू म्हारो अटल अखाड़ा रा माय
ए सत सर भंगी म्हारो चतुर सुजान झाड़ू म्हारो
फिर रयो निर्गुण माय हां रे भाई
झाड़ू म्हारो अटल अखाड़ा रा माय हां रे भाई
हां मन पवन का झाड़ू बणाया करनी का कसणा लगाया हां रे भाई
गुरु गम बंगड़ी लगी झाड़ू में इणा मन की मुक्ती जाण
झाड़ू म्हारो…
हां नाभी द्वादश चढ़कर देख्यो देख्यो घणो मेंदान हां रे भाई
पंख नाल से चढ़कर भंगी यो झाड़ियों दसवों द्वार
झाड़ू म्हारो…
हां अलिया गलियां शहर मंजारा फिर रही सूरता या नार हां रे भाई
कर कर चैकस झाड़ियों मैदान या पवन करेगा पहचाण
झाड़ू मारो…
हां करम भरम का झाडिया कसौटा जग में दियो हंसो राल हां रे भाई
नेम नगर मा समदी का झाड़ू कोई संत करेगा पहचाण
झाड़ू म्हारो…
*********************
Sat Sarbhangi Jhadu Mharo fir rayo Nirgun Mai