Tere Dar pe sar jhukaya
तेरे दर पे सर झुकाया
दोहा – बड़ी किस्मत वाला है वो, झुकाता सर जो माँ के दर पे
बड़ी किस्मत वाला वो सर है, है माँ का हाथ जिस सर पे
बड़ा अच्छा हुआ होता, जो माँ का दर पहले अगर मिलता
ये लक्खा ठोकरे खाता हुआ, फिर दर दर नहीं मिलता।
तेरे दर पे सर झुकाया, तुझे दुःख में हम पुकारे
बस जी रहे है मैया, तेरे नाम के सहारे
तेरे नाम के सहारे, तेरे तेरे नाम के सहार
तेरे दर पे सर झुकाया ।।
चरणों के पास अपने, रहने दो मैया मुझको
चरणों के पास अपने, रहने दो मैया मुझको
जीवन गुजार दूंगा, जीवन गुजार दूंगा
सेवा में माँ तुम्हारे, सेवा में माँ तुम्हार
तेरे दर पे सर झुकाया ।।
दुनिया की मोह माया, घेरे है मुझको आकर
दुनिया की मोह माया, घेरे है मुझको आकर
इस दुःख से शेरोवाली, इस दुःख से शेरोवाली
तू ही मुझे उबारे, तू ही मुझे उबारे
तेरे दर पे सर झुकाया ।।
एक आस करदो पूरी, ‘शर्मा’ की मेरी मैया
एक आस करदो पूरी, ‘शर्मा’ की मेरी मैया
‘लक्खा’ तड़प रहा है, दर्शन बिना तुम्हारे
दर्शन बिना तुम्हारे, दर्शन बिना तुम्हार
तेरे दर पे सर झुकाया ।।
तेरें दर पे सर झुकाया, तुझे दुःख में हम पुकारे
बस जी रहे है मैया, तेरे नाम के सहारे
तेरे नाम के सहारे, तेरे नाम के सहार
तेरे दर पे सर झुकाया ।।
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लखबीरसिंह लक्खा
tere Dar pe sar jhukaya laakkha bhajan
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