Thara bhariya samand mai heera
थारा भरया समंद मांई हीरा
थारा भरया समंद मांई हीरा, मरजीवाला लाविया
घट मांही ज्ञान का जंजीरा, साहिब सुलझाविया
यो मन लोभी लालची रे यो मन कालू कीर
भरम की जाल चलावे रे हां
थारा भरया समंद मांई हीरा…
बागा जो बागा कोयल बोले रे बन माही बोल्या रे रूड़ा मोर
सावन वाली लहरां भी आवे रे हां
थारा भरया समंद मांई हीरा
घास फूस सब जली गया रे रही गयी सावन वाली तीज
कोई तो दिन उलट आवे रे हां
थारा भरया समंद मांई हीरा
गोला छूटिया है गुरु ज्ञान का रे कायर भाग्यो रे भाग्यो जाए
सूरमा सनमुख रहना रे हां
थारा भरया समंद मांई हीरा
गुरु रामानंद की फौज में रे सनमुख लड़े रे कबीर
शबद का बाण चलाया रे हां
थारा भरया समंद मांई हीरा
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