You are currently viewing धन्य तेरी करताल कला Dhanya Teri Kartal Kala Ka kabir bhajan
Bina Shish Ki Panihaari

धन्य तेरी करताल कला Dhanya Teri Kartal Kala Ka kabir bhajan

Kabir bhajan

.धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है

 

ह धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है

धन्य तेरी करताल कला पार नहीं कोई पाता है ।।

 

निराकार भी होकर स्वामी सबका तू पालन करता है

निराकार निरभंजन स्वामी जरण मरण मिट जाता है ।।

धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है

धन्य तेरी करताल कला पार नहीं कोई पाता ह

 

तेरी सता का खेल निराला बिरला ही मेहरम पाता है

जिस पर कृपा बहे निस तेरी वहा को दरस दिखाता है ।।

धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है

धन्य तेरी करताल कला पार नहीं कोई पाता ह

 

ऋषि मुनि और संत महात्मा निसदिन ध्यान लगाता है

चार खान चैरासी के माई तू ही नजर एक आता है ।।

धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है

धन्य तेरी करताल कला पार नहीं कोई पाता है

 

पत्ते पत्ते पर रोशनी तेरी बिजली सी चमक दिखलाता है

चकित भयामन बु़द्धी तेरी दिवादास गुण गाता है ।।

धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है

धन्य तेरी करताल कला पार नहीं कोई पाता  है ||

****************************

Dhanya Kabir bhajan lyrics

धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है - Dhanya Teri Kartal Kala Ka Par Nahi Koi Pata Hai Lyrics

Kabir bhajan PDF download

धन्य तेरी करताल कला का पार नहीं कोई पाता है - Dhanya Teri Kartal Kala Ka Par Nahi Koi Pata Hai Lyrics

 

 

v


krishna bhajan

Kabir Bhajan

Mata Bhajan

Meera Bhajan

Gorakshnath bhajan

Aarti

Ramdevji Bhajan

Leave a Reply