Panchida re bhai
पंछीड़ा रे भाई बन बन क्यों डोले रे
पंछीड़ा रे भाई बन बन क्यों डोले रे
थारा काया रे नगरी में हरिओम
थारा हरियाला बागा में हरिओम
सोहं सो बोल रे…
पंछीड़ा रे भाई अंधियारा में बैठो रे
थारी देही का देवलिये जागे जोत
गुरूगम झलमल झरलमल झलके रे
बन बन क्यों डोले रे
पंछीड़ा रे भाई बन बन क्यों डोले रे
थारा काया रे नगरी में हरिओम
थारा हरियाला बागा में हरिओम
सोहं सो बोल रे…
पंछीड़ा रे भाई कई बैठो तरसायो रे
पीले तीरबेणी का घाटे गंगानीर
मन लागो मेल धो ले रे
बन बन क्यों डोले रे
पंछीड़ा रे भाई बन बन क्यों डोले रे
थारा काया रे नगरी में हरिओम
थारा हरियाला बागा में हरिओम
सोहं सो बोल रे…
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Are Panchida re bhai Lyrics
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