Man Mhara thare kai vidhi samjhau
मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं
ओ मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं अरे हां कुण विधि अरथाऊं
थारा किये सेे मे चलूं तो मनवा थारा मते चलूं तो
थारे कांई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊ
हां घोड़ो होई तो लगाम लगाऊं ऊपर झीण कसाऊ
अरे होई सवार तेरे पर बैठु ने चाबुक दई ने चलाऊं रे मन म्हारा
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊं
थारा किये से मे चलूं तो मनवा थारा मते चलूं तो
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊ
हां हाथी होई तो जंजीर मंगाऊ चारों पैर बंधाऊं
हरे होए महावत तेरे पर बैठु ने अंकुश दई ने चलाऊं रे मन म्हारा
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊं
थारा किये से मे चलूं तो मनवा थारा मते चलूं तो
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊं
हां लोहो होय तो एरण मंगाऊ ऊपर धमण धमाऊ
हरे धमण की या घनघोर मचाऊ ने पाणी कर पिघलाऊ रे मन म्हारा
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊं
थारा किये से मे चलूं तो मनवा थारा मते चलूं तो
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊ
हां सोनो होई तो सुहाग मंगाऊ भंगनाल रसलाऊ
अरे ज्ञान शबद की फुक लगाऊं ने अंतर तार खींचाऊं रे मन म्हारा
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊं
थारा किये से मे चलूं तो मनवा थारा मते चलूं तो
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊ
हरे ज्ञान ना होय तो ज्ञान बताऊ सत्य को मारग लगाऊ
हरे कहे कबीर सुनो भाई साधो तो अमरापुर पहुंचाऊं रे मन म्हारा
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊं
थारा किये से मे चलूं तो मनवा थारा मते चलूं तो
थारे कई विधि समझाऊ अरे हां कुण विधि से अरथाऊं
*******************
Man Mhara Thare Kai Vidhi Samjhau Lyrics
Man Mhara Thare Kai Vidhi Samjhau PDF