Mhara Satguru baniya bhediya
म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया
म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया रे
ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ
अरे उण नाड़ी में लेहर उपजे, हियो हिलोरा खाई गुरू म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हो म्हारा सतगुरू आंगण रूखडी रे
हरे लिजो रे सब कोई
अरे अवगुण ऊपर गुण करे म्हारा सभी पाप झड़जाय
गुरु म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हो म्हारा सतगुरू सोना सोलमो रे
अरेे रती नी लागे दाग
अरे सतगुरू भाला रोपीया म्हारा लागा कलेजा रा माई
गुरू म्हने घायल करग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हां भाव रूख फैले घणो रे
हरे फेली रयो रे चोफेर
अरे भरी सभा मे बांटजो म्हारी अनंद सभा में
बांटजो म्हारा बांट्या घडैला होई
गुरु म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हा मन मोईणो चोरलो रे
ईने सुरतारो करलो तार अरे सेवा गुरू अमृत रो प्यालो पियो के म्हने पिलाव
गुरु म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
हो म्हारा सतगुरु बणीया भेदिया रे
ओ म्हारी नाड़ी रे पकड़ी हाथ
अरे उण नाड़ी में लेहर उपजे, हियो हिलोरा खाई गुरू म्हने ज्ञान दईग्या
हो म्हारा तन बिच दियो लगाई सुमरण चेतन करग्या
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Mhara Satguru baniya bhediya Lyrics
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