Latko Chhod De Re Manwa Bhajan lyrics
लटको छोड़ दे रे मनवा
लटको छोड़ दे रे मनवा असल फकीरी धार
हां लटको छोड़ दे रे मनवा असल फकीरी धार
हां खाली नहाए धोए से हरी ना मिले रे
मनवा नहाई रयो संसार रे
अरे नहाये धोय नित मछली रे
हरे तो भी बास ना जाए
लटको छोड़ दे रे मनवा असल फकीरी धार।।
हरे जटा बढ़ाए हरी ना मिले रे मनवा सब जग लेता बढ़ाएं
हरे जटा बढ़ावेगा रिछड़ो रे, हरे पग पग गोता खाए
लटको छोड़ दे रे मनवा असल फकीरी धार।।
हां मूंछ मुंडाए हरि नाम ले रे मनवा सब जग लेता मुंडाय
हरे मूंछ मुंडावेगा हिजड़ों रे, हरे घर-घर ताली बजाए
लटको छोड़ दे रे मनवा असल फकीरी धार।।
हां कहे कबीर सुणो मानवा रे हां सुनले चित लगाए
हरे लटको तो यो छोड़े बिना रे, हरे बांधे जब पूरी जाए
लटको छोड़ दे रे।।
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