सावन की रुत है आजा माँ
Sawan Ki Rut Hai Aaja Maa Hum Jhula tujhe
सावन की रुत है आजा माँ, हम झूला तुझे झुलायेंगे
फूलो से सजायेेंगे तुझको मेहँदी हाथो में लगाएंगे ।।
कोई भेट करेगा चुनरी, कोई पहनायेगा चूड़ी
माथे पे लगाएगा माँ, कोई भक्त तिलक सिंदूरी
कोई लिए खड़ा है पायल, लाया है कोई कंगना
जिन राहो से आएंगी माँ तू भक्तो के अंगना
हम पलके वहा बिछायेंगे ।।
सावन की रुत है आजा माँ हम झूला तुझे झुलायेंगे
माँ अम्बा की डाली पे झूला भक्तांे ने सजाया
चन्दन की बिछाई चैंकी श्रदा से तुझे बुलाया
अब छोड़ येे आँख मचोली आजा ओ मैया भोली
हम तरस रहे है कब से सुन ने को तेरी बोली
कब तेरा दर्शन पायेंगे ।।
सावन की रुत है आजा माँ हम झूला तुझे झुलायेंगे
लाखो हो रूप माँ तेरे चाहे जिस रूप में आजा
नैनो की प्यास भुजा जा बस इक झलक दिखला जा
फिर मेवे और मिश्री का तुझे प्रेम से भोग लगा के
तेरे भवन पे छोड़ के आएंगे ।।
सावन की रुत है आजा माँ हम झूला तुझे झुलायेंगे
फूलो से सजायेेंगे तुझको मेहँदी हाथो में लगाएंगे ।।
**********************************************************+
sawan ki rut hai aa ja maa hum jhula tujhe jhulayenge
#matabhajan
If you Like this bhajan lyrics so please support us and share this post
to other and write us on comment box for any query.