श्री चामुण्डा देवी चालीसा दोहा नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड। दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड। मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत। मेरी भी…
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श्री बालाजी चालीसा - मेहंदीपुर दोहा श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान। बालाजी चालीसा लिखे “ओम” स्नेही कल्याण। विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान। मेंहदीपुर में प्रगट…
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श्री गोरखनाथ चालीसा दोहा गाउे नित मंगलाचरण, गणपति मेरे नाथ। करो कृपा माँ शारदा, जीव रहें मेरे साथ ॥ चौपाई जय जय गोरख नाथ अविनासी। कृपा करो गुरु देव प्रकाशी…
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श्री गुरु बृहस्पति देव चालीसा दोहा गाउे नित मंगलाचरण, गणपति मेरे नाथ। करो कृपा माँ शारदा, जीव रहें मेरे साथ॥ चौपाई वीर देव भक्तन हितकारी। सुर नर मुनिजन के उद्धारी।…
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संतोषी माता चालीसा दोहा बन्दौं संतोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार। ध्यान धरत ही होत नर दुख सागर से पार॥ भक्तन को संतोष दे संतोषी तव नाम। कृपा करहु जगदंबा अब आया…
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श्री ललिता चालीसा चौपाई जयति-जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता॥ तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी॥ तू कल्याणी कष्ट निवारिणी। तू सुख दायिनी,…
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श्री विनय चालीसा दोहा मैं हूँ बुद्धि मलीन अति। श्रद्धा भक्ति विहीन। करूँ विनय कछु आपकी। हो सब ही विधि दीन॥ चौपाई जय जय नीब करोली बाबा। कृपा करहु आवै…
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श्री नवग्रह चालीसा दोहा श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय। नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय॥ जय जय रवि शशि सोम, बुध जय गुरु भृगु शनि राज। जयति राहु…
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श्री गोपाल चालीसा दोहा श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥ चौपाई जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी। जो कोई…
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श्री तुलसी चालीसा दोहा जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरी प्रेयसी श्री वृंदा गुन खानी। श्री हरी शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब। जनहित हे वृन्दावनी अब…
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